माफिया अतीक अहमद के बेटे और उमेश पाल हत्याकांड में शूटर असद का एनकाउंटर कर दिया गया है. इसके साथ ही शूटर मोहम्मद गुलाम भी मारा गया. झांसी में यूपी एसटीएफ के डिप्टी एसपी नवेंदु और डिप्टी एसपी विमल की अगुवाई में पांच-पांच लाख के इनामी असद और मोहम्मद गुलाम को ढेर कर दिया गया है. दोनों के पास से पुलिस को विदेशी हथियार मिला है.
अपराध की दुनिया में अतीक अहमद एक बड़ा नाम था. अपराध में पनपने के लिए उसके परिवार ने उसे खूब सपोर्ट किया. आज आलम यह है कि अतीक की पत्नी, उसका भाई, बच्चे, बहन भी कई मामलों में आरोपी हैं.
लगभग सभी के खिलाफ केस दर्ज रहे हैं. पुलिस ने ज्यादातर पर इनाम घोषित कर रखे हैं. उमेश पाल हत्याकांड में अतीक का बेटा असद भी आरोपी था. यूपी एसटीएफ की टीम ने गुरुवार को आज उसे मुठभेड़ में मार गिराया. जानते हैं अतीक के परिवार की क्राइम कुंडली.
माफिया डॉन अतीक अहमद को यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को बड़ा झटका दिया. उसने झांसी में उसके तीसरे नंबर के बेटे असद और उमेश पाल हत्याकांड के शूटर गुलाम को मार गिराया गया.
24 फरवरी को अतीक के इशारे पर ही उमेश पाल को प्रयागराज में दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया था. हमले में उमेश पाल और उसके दोनों गनर मारे गए थे. अतीक पर इस तरह के संगीन जुर्म का ये इल्जाम पहला नहीं है,
इससे पहले भी कई मामलों में उसके नाम का जिक्र आता रहा है.
उस पर 44 साल में 100 से ज्यादा केस दर्ज हैं लेकिन उमेश पाल किडनैपिंग केस में उसे पहली बार सजा सुनाई गई. उसे कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. अतीक के अलावा उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन पर 3, बेटे अली पर 4, बेटे उमर पर एक केस दर्ज हैं. अतीक के तीसरे बेटे असद पर हाल में ही केस दर्ज किया गया था. आइए, जानते हैं माफिया अतीक अहमद और उसके पूरे परिवार की क्राइम कुंडली.
अतीक अहमद:
साल 1979 की बात है. उस वक्त इलाहाबाद के चाकिया मोहल्ले में फिरोज अहमद का परिवार रहता था, जो तांगा चलाकर परिवार का गुजर-बसर करते थे.
फिरोज का बेटा अतीक हाईस्कूल में फेल हो गया था. इसके बाद पढ़ाई लिखाई से उसका मन हट गया. उसे अमीर बनने का चस्का लग गया. इसलिए वो गलत काम धंधे में पड़ गया और रंगदारी वसूलने लगा.
महज 17 साल की उम्र में उसके सिर हत्या का आरोप लग चुका था. उस समय पुराने शहर में चांद बाबा का दौर था. पुलिस और नेता दोनों चांद बाबा के खौफ को खत्म करना चाहते थे. लिहाजा, अतीक अहमद को पुलिस और नेताओं का साथ मिला, लेकिन आगे चलकर अतीक अहमद, चांद बाबा से ज्यादा खतरनाक साबित हुआ.